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दीवाली कैसे मनाएं | Diwali Kaise Manaye in Hindi

Happy Diwali Kaise Manaye in Hindi | Deepavali Celebrate in Hindi

दीवाली अच्छे तरीके से कैसे मनाये

दीवाली दीपों का त्यौहार है और हम सब इसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाते है दिवाली की रात अमावस्या की रात होती है दिवाली मनाने के पीछे सबसे मुख्य कारण इसी दिन भगवान् श्री रामचन्द्र जी अपने पिता की आज्ञा को पूरा करते हुए 14 वर्ष के वनवास के पश्चात इसी दिन अयोध्या वापस आये थे जिस कारण से राम जी के लौटने के ख़ुशी में पूरे अयोध्या में घर घर दिए जलाये गये थे जिससे सारा अयोध्या जगमगा उठी थी फिर उसके पश्चात हर वर्ष ऐसे ही राम जी के लौटने के ख़ुशी में दिए जलाये जाने लगे और यही दिवाली के नाम से प्रसिद्द हुआ,

इसके अतिरिक्त इस दिन देवताओ के प्रथम देव भगवान् श्रीगणेश और माता लक्ष्मी का भी विशेष पूजन अर्चन किया जाता है जिस कारण से इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है, जिस कारण से दिवाली का इस त्यौहार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. और प्रत्येक वर्ष माता लक्ष्मी के आगमन की ख़ुशी में भी घर घर दिए जलाये जाते है.

और इस दिन लोग घरों के बाहर दीपक जलाकर शहर और गाँव को जगमग करते है. दीवाली के दिन लोग एक-दुसरे के घर जाते है गले मिलते है, पटाखे फोड़ते है परिवार एक साथ मिलता है इस दिन सबसे ख़ास बात यह है की इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा  की जाती है.

अन्य त्यौहार की तरह Diwali भी विधि-विधान के साथ मनाया जाता है कहा भी जाता है जिस त्यौहार के पुरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है उसका फल भी अच्छा मिलता है दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है और पूजा करते समय बहुत सी बातें ध्यान रखनी होती है तो आईये जानते है दिवाली को विधि-विधान से कैसे मनाते है.

दीवाली कैसे मनाएं

How To Celebrate Diwali In Hindi | Deepavali Kaise Manaye

Diwali Kaise Manaye

दीवाली माँ लक्ष्मी का त्यौहार है और माँ कमल के आसान पर विराजती है इसलिए इनका दूसरा नाम कमला भी है माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु की हृदयप्रिय है और माँ लक्ष्मी दीवाली के दिन समुद्र मंथन प्रकट हुयी थी दीवाली के दिन इनका पूजन धन समृद्दी और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है तो आईये जानते है दीवाली को कैसे मनाते है.

लक्ष्मी पूजन विधि | दिवाली की पूजा कैसे करे | दीपावली पूजा विधि

Laxmi pujan ki vidhi | Deepawali ki Puja |Diwali ki Puja | Diwali Pooja Vidhi

  • इस दिन घर, व्यापारिक प्रतिष्टान के मुख्य द्वार के दोनों और दीवार पर शुभ-लाभ और स्वास्तिक को सिंदूर से बनाये उसके बाद उस पर पुष्प और रोली चढ़ाकर माँ लक्ष्मी की प्राथना करनी चाहिए
  • माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी है और उनकी हृदयप्रिय है इसलिए पूजन के समय उनके साथ गणेश जी और भगवान विष्णु जी की तस्वीर स्थापित करना अनिवार्य है. ध्यान रहे की लक्ष्मी जी के दाहिने और विष्णु जी और बाएं और गणेश जी को रखना चाहिए
  • दीवाली के दिन घर की महिलाएं माँ लक्ष्मी की पुरानी तस्वीर पर अपने हाथ से सुहाग की सामग्री अर्पित करें. अगले दिन स्नान के बाद पूजा करके उस सामग्री को माँ लक्ष्मी का प्रसाद मानकर खुद प्रयोग और माँ लक्ष्मी से आशीर्वाद लेकर स्थायी रूप से घर में रहने की प्राथना करें. इतना करने से माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहेगी
  • पूजन के समय माँ लक्ष्मी को घर में बनी खीर का भोग लगायें. बाजार की मिठाई का प्रयोग ना करें
  • शाम को दीवाली के पूजन से पहले किसी गरीब सुहागिन महिला को अपनी पत्नी के द्वारा सुहाग सामग्री दिलवाएं और हाँ ध्यान रखें सामग्री में इत्र जरुर हो
  • शाम को माँ लक्ष्मी के पूजन के समय घर के स्वामी को पीले वस्त्र धारण करके पूजा के कर्मे में प्रवेश करना चाहिए. प्रवेश करते समय माँ लक्ष्मी, कुबेर जी, गणेश जी, इंद्र देवता, माँ सरस्वती आदि का ध्यान करना चाहिये. प्रवेश करने से पहले तीन बार ताली भी बजानी चाहिए
  • गणेश जी, कुबेर जी, लक्ष्मी जी का चित्र, श्री यंत्र और इसके अलावा जिन भी यंत्रो की पूजा करनी हो उन्हें जल से करके लाल वस्त्र से स्थापित करें
  • जल से भरा पात्र, घंटी, धुप, तेल का दीपक आदि को बायीं और रखना चाहिए
  • घी का दीपक और जल से भरे हुए शंख को दायीं और रखना चाहिए
  • चन्दन, मौली, रोली पुष्प, मिष्ठान, बताशे आदि को सामने रखना चाहिए
  • चौकी पर थोड़े से चावल का ढेर बनाकर उस पर एक सुपरी को मौली से लपेटकर रख दे. इसके बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करना चाहिये
  • दक्षिण वर्ती शंख को चावल पर स्थापित करना चाहिए. फिर दूर्वा, तुलसी, पुष्पकी पंखुड़ी आदि से उसे जल से भर देना चाहिये
  • किसी कटोरी में पान के पतो के उपर प्रसाद रखे उस प[आर लौंग का जोड़ा अथवा इलायची रखकर सामग्री माँ लक्ष्मी को अर्पित करें
  • पूजन के समय माँ लक्ष्मी के सामने तिजोरी से कुछ चांदी-सोने के सिक्के या पैसे रखने चाहिए. अगर कोई आभूषण हो तो उसे भी माँ लक्ष्मी के सामने रखना चाहिये
  • दीवाली के दिन देवताओं के राजा भगवान इंद्र की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए
  • दीवाली के दिन बही खाते बदलते है, इसलिए इस दिन बही खातों की भी पूजा करनी चाहिए
  • दीवाली के दिन दीपमालाओं की पूजा करके दीपक का दान करना चाहिए
  • दीवाली के दिन घर के अंदर और बाहर दीपक जलाने चाहिए
  • दीवाली के दिन पति और पत्नी दोनों ही भगवान विष्णु जी के मंदिर जाकर एक साथ वहां माता लक्ष्मी को वस्त्र चढ़ाएं, इससे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी
  • पूजा में हमेशा ताजे और खुशुबुदार पुष्प ही चढाने चाहिए
  • पूजा में प्रयोग किये जाने वाले शंख को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए. शंख से भरे जल में कपूर, चन्दन, इत्र आदि डालना चाहिए
  • ताम्बे के पात्र में दूध, दही या पंचामृत नहीं रखना चाहिए
  • अगर पूजा में कोई सामग्री कम हो तो हाथ में पुष्प लेकर उस वस्तु का नाम लेकर उसे श्रदा पूर्वक प्रभु को अर्पित करना चाहिए
  • दीवाली में पूजा के समय माँ की आरती कपूर और नो बत्ती के दीपक से करने पर माँ की कृपा हमेशा बनी रहती है. आप चाहे तो बाजार से नो बत्ती वाला दीपक भी ला सकते है
  • दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी को शुद्द घी से बने हलवे का भोग लगाये और फिर उसका प्रसाद सबमे बांटे. इससे माँ लक्ष्मी हमेशा आपके साथ रहेगी
  • दीवाली के दिन घर का मुखिया सबको पूजा के बाद घर के सभी सदस्यों को कुछ ना कुछ उपहार जरुर दे

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