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दिवाली पर निबन्ध (Diwali Essay in Hindi) दीपावली पर हिन्दी निबन्ध

Essay on Diwali in Hindi Deepawali 2023 Nibandh

रौशनी का पर्व दीपावली पर हिन्दी निबन्ध

यह हम सब जानते है की दीवाली दीपों का त्यौहार है और इसे भारत में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है इस दिन लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना किया जाता है और साथ भगवान श्रीराम के  14 वर्ष वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटने की ख़ुशी में त्रेतायुग से ही घर घर दिये जलाये गये जिस कारण से इस त्यौहार को दीपो का त्यौहार भी कहते है और इस दिन लोग नए-नए कपड़े पहनते है, एक-दुसरे के घर जाते है मिठाइयाँ खाते है और पटाखे फोड़ते है जिस कारण से दिवाली के त्यौहार आपस में प्रेम भाईचारा का भी संदेश लेकर आता है जिस कारण से यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

Diwali

Deepavali यह बहुत हर्षोल्लास का त्यौहार है आज की इस पोस्ट में हम दीवाली के बारे में सब कुछ जानेंगे जैसे की यह पर्व क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है, इसके पांचो दिनों के बारे में आदि. विस्तार से हम दीवाली के बारे में जानेंगे, इसलिए इस पोस्ट से आखिर तक जुड़े रहे, और साथ ही इस दिवाली निबन्ध को लोगो की जानकारी के लिए भी शेयर कर सकते है

तो चलिए इस Deepavali पर हिन्दी निबन्ध को जानते है जिससे दिवाली के मनाने की महत्ता के बारे में और भी अच्छे से पता चलेगा.

अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व दीवाली पर निबन्ध

Diwali Essay in Hindi | Deepavali 2023 Hindi Essay

हम इस पोस्ट में इन दिवाली के इन बिन्दुओं पर बात करेंगे :-

  • दीवाली का इतिहास | History of Diwali
  • दीवाली मनाने का समय और स्वरूप | Diwali Festival Occasion
  • दीवाली के पांच दिन | Diwali Days
  • दीवाली का महत्व | Diwali Ka Mahatva

तो आईये Deepavali के इन सभी टॉपिक्स के बारे में विस्तार से जानते है

1:- दीवाली का इतिहास

History of Diwali in Hindi

दीवाली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है दीवाली प्रकाश और दीपों का उत्सव है इस दिन हर जगह दीपों की चमक और जगमग रहती है हिन्दू धर्म के मान्यताओ के अनुसार इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावन पर विजय प्राप्त करके अपने घर अयोध्या लौटे थे और अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत और उल्लास में सारे नगर में दीपमालाएं सजाई थी.

जैन धर्मावलम्बियों, आर्यसमाजियों, सिखों और कृष्ण भक्तों के लिए भी यह उत्सव का दिन है कुछ लोगों के अनुसार यह कृषि उत्सव है, नई फसल के आगमन का त्यौहार है दीवाली के त्यौहार का इतिहास बहुत ही पुराना है इस त्यौहार को मनाना कब शुरू किया गया यह आज तक किसी को पता नहीं है भारत में ऋतू परिवर्तन पर त्यौहार मनाने की परम्परा रही है दीवाली भी उनमे से एक है.

2:- दीवाली मनाने का समय और स्वरूप 

Diwali Kab Manaya Jata Hai

दीवाली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है इस त्यौहार के पूर्व घरों की सफाई, लिपाई, पुताई, सजावट की जाती है अमावस्या के दिन माँ लक्ष्मी का पूजन करके रात में घर, दूकान, बाजार सभी दीपकों से जगमगाए जाते है पटाखे फोड़े जाते है और मिठाई बांटी जाती है

सारा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और सब मिलकर साथ में खाना खाते है व्यापारी लोग इस त्यौहार को विशेष उत्सव के रूप में मनाते है इस दिन बही-खाते बदले जाते है उनका पूजन होता है. मित्रों, प्रियजनों और कर्मचारियों को मिठाई वितरित की जाती है. कर्मचारियों के लिए भी यह ख़ुशी का दिन होता है क्योंकि उन्हें वेतन के साथ बोनस भी मिलता है और साथ में मिठाई तथा कपड़े भी.

3:- दीवाली के पांच दिन

Diwali Festival Days in Hindi

दीवाली पांच त्योहारों का सम्मिलित रूप है अर्थात दीवाली के पहले 2 दिन और बाद के 2 दिन भी त्यौहार मनाये जाते है आईये जानते है दीवाली के पाँचों दिनों के बारे में.

पहला दिन :- धनतेरस | Dhanteras

दीवाली का पहला दिन धनतेरस होता है और इस दिन स्वास्थ्य और आरोग्य के देवता धन्वंतरी की पूजा की जाती है इस दिन नए बर्तन, सोना-चांदी और गहने खरीदे जाते है लोग इस दिन घर में नई-नई चीजें लाते है

दूसरा दिन :- चौदस या छोटी दिवाली

दीवाली का दूसरा दिन रूप चौदस होता है इस दिन महिलाएं सजती-संवरती है क्योंकि यह रूप का दिन है और रूप का महत्व महिलाओं से ज्यादा और कौन जानता है नहाने से पहले उबटन लगाया जाता है

तीसरा दिन :- दिवाली | Diwali Festival

तीसरा दिन खुद दीवाली होता है. इस दिन रात को धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन सारा परिवार एक साथ होता है, साथ में खाना खाते है, घर में मिठाई बनती है इस दिन रात को बच्चे और बड़े दोनों पटाखे फोड़ते है

चौथा दिन :- गोवर्धन पूजा

दीवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा का होता है इस दिन श्री कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र का मानमर्दन किया था इससे क्रोधित होकर इंद्र ने भीषण वर्षा की थी ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर उठा लिया था इस दिन गोबर के गोवर्धन बनाते है और उनकी पूजा करते है

इस दिन को लोग एक-दुसरे से रामा-सामा भी करते है इस दिन लोग सुबह जल्दी उठते है और अच्छे से तैयार होते है. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते है. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाते है दोस्तों से गले मिलते है और रिश्तेदारों का आशीर्वाद लेते है एक-दुसरे के यहां मिठाई खाते है और पुरे दिन सामाजिक मेल-मिलाप का दिन रहता है

पांचवा दिन :- भाई दूज | Bhaiya Dooj

दीवाली के पांचवे दिन भाई दूज होती है इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाती है और मिठाई भेंट करती है तथा उनके दीर्घ जीवन की कामना करती है इसको यम दूज भी कहते है इस दिन भाई-बहन साथ में यमुना में स्नान करते है इससे यम लोक की यातना से मुक्ति मिलती है.

4 :- दीवाली का महत्व

Diwali Ka Mahatva in Hindi

दीवाली स्वच्छता और साज-सज्जा का त्यौहार है इस त्यौहार पर घरों की साफ़-सफाई की जाती है. जिससे घर में वर्ष ऋतू में उत्पन्न मच्छर, कीट, पतंगे आदि नष्ट हो जाते है यह त्यौहार जीवन में धन के महत्व का स्मरण कराता है यह आपको सीखता है की अगर आपने पैसों की कद्र कर ली तो पैसे हमेशा आपके पास आते रहेंगे

इस दिन लोग एक-दुसरे को शुभकामनाएं देते है और एक-दुसरे से गले भी मिलते है इससे सामाजिक मेल-मिलाप बढ़ता है इस त्यौहार का संबध स्वच्छता, धन की महता, स्वास्थ्य, मानवीय संबधो और सामाजिकता की भावना से है.

दीवाली मनाने का कारण भले ही कुछ भी हो लेकिन इस दिन लोगों के चेहरे पर खुशियाँ जरुर छा जाती है. इस दिन लोग बहुत ही उत्साहित रहते है. सच में कुछ भी हो त्यौहार हर किसी के चेहरे पर खुशियाँ ले आता है. बिगड़े रिश्ते भी इस दिन संवर जाते है

तो आप सबको दिवाली के ऊपर लिखा गया यह हिन्दी निबन्ध कैसा लगा कमेन्ट में जरुर बताये और शेयर भी जरुर करे.

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