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जानें कॉम्पिटिशन बनी नई टेक्नोलॉजी AI के लिए कैसा रहा ये साल

2023 तकनीक के लिए एक विशेष वर्ष रहा है। AI ने भी मार्केट में अपने कदम जमाए हैं, जबकि स्मार्टफोन कंपनियों ने नया मुकाम हासिल किया है। मगर इस साल इस तकनीक ने भी कई चुनौतियों का सामना किया है। तो आइये शुरू करते हैं, आज हम देखेंगे कि 2023 AI के लिए कैसा रहा।

कॉम्पिटिशन बनी नई टेक्नोलॉजी AI के लिए कैसा रहा ये साल

New Technology AI challenge Competition of this Year update2022 में Ai ने ChatGPT के साथ अपनी ऑफिशियल शुरुआत की, लेकिन 2023 इसके लिए महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। यह बहुत से लोगों के लिए एक अलग तरह का खतरा बन गया है, जबकि कुछ लोगों ने इसका खुले दिल से स्वागत किया है।

एक ओर, AI ने डीपफेक जैसी तकनीक को बढ़ावा दिया है, जो साइबर क्राइम को आसान बनाया है। वहीं दूसरी ओर, इसने लोगों के लिए कई कार्यों को सुलझाया है। हम आज AI का वर्ष 2023 का विश्लेषण करेंगे। इसके बारे में जानें।

इस तकनीक ने भारत को भी प्रभावित किया है, साथ ही पूरी दुनिया पर भी। फोर्ब्स के अनुसार भारत में AI एक्सपेंस 2025 तक 9,800 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। साथ ही, 2025 तक घरेलू उत्पादों में कम से कम 3,750 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है।

ChatGPT OpenAI के AI मॉडल से शुरू हुआ

इसके बावजूद, इसके बाद अन्य कंपनियों ने भी अपने चैटबॉट को प्रस्तुत किया है।

2023 में AI ने बहुत बदलाव देखा है, चाहे वह ChatGPT, Copilot या DALL-E जैसे चैटबॉट्स हो या इमेज जेनरेटर हो।

भारत में AI ने पिछले एक साल में हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। Ai ने शिक्षा, फाइनेंशियल सर्विसेज या हेल्थकेयर में अपनी पकड़ बनाई है।

रिपोर्ट के अनुसार 2016 से 2023 तक 14% अधिक लोगों ने AI को अपनी सेवाओं में शामिल किया है।

इतना ही नहीं भारत सरकार ने AI को खुलेआम अपनाया और MyGov हेल्पडेस्क, वॉट्सऐप पर AI चैटबॉट और डिजिटल सिटीजन प्रोग्राम में AI को शामिल किया।

भारत में 60 से अधिक स्टार्टअप जनरेटिव AI का उपयोग करते रहे हैं।

जैसा कि हम जानते हैं की चैटजीपीटी 2022 में शुरू हुआ था और कुछ ही महीनों में बहुत लोकप्रिय हो गया था, इसलिए यह वर्ष ChatGPT के लिए खास रहा।

ध्यान दें कि यह केवल दो महीने में 100 मिलियन यूजर्स का आंकड़ा पार कर चुका है, जिससे यह अब तक की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सेवाओं में से एक बन गया है, अक्टूबर 2023 तक 1.7 बिलियन बार देखा गया था।

हालाँकि गूगल और मेटा सहित अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियों ने भी आने वाले कुछ महीनों में चैटबॉट शुरू किया।

क्या खतरा बना AI

चैटजीपीटी ने AI को एक नई दिशा दी है, लेकिन इसने लोगों को भी खतरा बनाया है। इसने बेहतर तकनीक दी है, जिससे लोगों को ठगना और भी आसान हो गया है।

डिफफेक, फेक कॉल सहित साइबर अपराधी लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

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